भारत की झलक इन शब्दों में .............
*****************
कुछ हाथ से उसके फिसल गया,पलक झपक कर निकल गया जब लाश बिछ गयी लाखो की, सब पलक झपक कर बदल गया
*****************
जब रिश्ते राख में बदल गये,इंसानों का दिल दहल गया
मै पूछ- पूछ कर हार गया, क्यू मेरा भारत बदल गया
क्यू मेरा भारत बदल गया-
*****************
नहीं सिर्फ जस्न मनाना,नहीं सिर्फ झंडे लहराना
ये काफी नहीं वतन परस्ती,यादो को ना भुलाना
*********************************
जो हुए है कुर्बान, उनके लफ्जो को आगे बढ़ाना
खुदा के लिए नहीं, जिन्दगी वतन के लिए निभाना
*********************************
*********************************
आदित्य शर्मा
No comments:
Post a Comment