Saturday 21 January 2012

भारत की झलक इन शब्दों में


भारत की झलक इन शब्दों में .............
*****************
कुछ हाथ से उसके फिसल गया,पलक झपक कर निकल गया 
जब लाश बिछ गयी लाखो की, सब पलक झपक कर बदल गया 
*****************
जब रिश्ते राख में बदल गये,इंसानों का दिल दहल गया 
मै पूछ- पूछ  कर हार गया, क्यू मेरा भारत बदल गया 
क्यू मेरा भारत बदल गया-
*****************


नहीं सिर्फ जस्न मनाना,नहीं सिर्फ झंडे लहराना 
ये काफी नहीं वतन परस्ती,यादो को ना भुलाना 
*********************************
जो हुए है कुर्बान, उनके लफ्जो को आगे बढ़ाना 
खुदा के लिए नहीं, जिन्दगी वतन के लिए निभाना 
*********************************
आदित्य शर्मा 



No comments:

Post a Comment