Saturday, 25 February 2012

मेरी यादो से पल भर भी नहीं आराम लेता है 
सुना है नीद में अक्सर वो मेरा नाम लेता है 
सरारत से भी वो य़ू भी काम लेता है 
जो मै ऊँगली थमाता हूँ तो कलाई थाम लेता है 


इबादत कोन कहता है,इनायत कोन करता है 
सभी है लुटने वाले,हिफाजत कोन करता है 
भवर की गुन-गुनाहट से अब हर फुल डरता है 
सभी खिलवाड़ करते है,मोहब्बत कोन करता है 


सभी फेर ले नजरे,दुहाई दे तो किसको दे 
अदालत हो गई बहरी सुनाई दे तो किसको दे 
यहा कानून है अँधा दिखाई दे तो किसको दे 
जब मुजरिम ही मुंसिफ हो सफाई दे तो किसको दे 



आदित्य शर्मा 

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