Thursday 29 March 2012

पतंजलि परिवार  ध्येय वाक्य


१. मेरा संपूर्ण अस्तित्व ब्रह्म एवम ब्रह्माण्ड से  है व उसी के लिए है  भागवत सत्ता  व सम्पूर्ण अस्तित्व के प्रति मै सदा  कृतज्ञता  का भाव रखूँगा ।
२. एक दिन एक जिंदगी के बराबर है तथा एक क्षण एक दिन के बराबर है  अतः एक एक दिन को मै  एक जिंदगी की  तरह   पूरे उत्साह से जीऊँगा,  एक क्षण के लिए भी निराश नहीं होऊंगा ।
३. सब मनुष्यों को  भगवान्  ने प्रथम होने की शक्ति , सामर्थ्य  दिया है । मै  अपने जीवन में अपने क्षेत्र में  विश्व  का प्रथम व्यक्ति एक आदर्श बनने हेतु  प्रतिपल  संघर्ष  करूंगा । बड़ी  सोच, कड़ी मेहनत व पक्का इरादा के साथ चरैवेति  -  चरैवेति  के सिध्दान्त पर चलकर भगवान  के अनुग्रह , माता,  पिता व गुरुसत्ता के आशीष ईमानदारी से कठोर मेहनत सही निर्णय व सबको  श्रेय व सम्मान देता हुआ , मै एक दिन सफलता के शिखर पर अवश्य पहुचूँगा ।
४. २४ घंटे अपने ध्येय लक्ष्य  को अपने सामने रखकर जीऊंगा , एक क्षण के लिए भी स्वयम को निम्न चेतना मे नहीं आने दूंगा । सदा उच्च चेतना , दिव्य चेतना , सहज योग , सहज समाधि , जीवनमुक्ति या विदेह भाव की अवस्था मे  रहूँगा व प्रतिफल शिवोहम  - शिवोहम का अनुभव करूंगा ।
५. मै आत्मा , परमात्मा व राष्ट्र की शक्ति को पूर्ण विवेक व प्रमाणिकता  के साथ समझकर  उसका सों प्रतिशत सही उपयोग करूंगा । सब रूपों मे ब्रह्म स्वरूप का दर्शन एवं सब सम्बन्धों मे  ब्रह्म सम्बन्ध की अनुभूति करता हुआ जीवन के अंतिम सत्य , शाश्वत सुख को हरपल अनुभव करता हुआ गुरु ,भगवान व राष्ट्र को केंद्र मे रखकर जीऊँगा ।
६. प्रणव के जप प्राणायाम के तप से सब जप ,तप , शक्ति व सिद्धि को प्राप्त कर  शरीर , इन्द्रियो एवं मन पर  विजय प्राप्त कर पिंड व ब्रह्माण्ड गत समस्त शक्तियों के साथ तादात्मय अनुभव करूंगा ।
७. ज्ञान, कर्म व भक्ति की पराकाष्टा मे जीता हुआ , मै परा व अपरा विध्याओं को प्राप्त करूंगा तथा जीवन व जगत मे भगवान का साम्राज्य स्थापित करूंगा ।


आन्दोलन का  ध्येय


चरित्र निर्माण -व्यक्ति निर्माण - राष्ट्र निर्माण से युग निर्माण करते हुए भारतोदय  से विश्वोदय '' वसुधैव कुटुम्बकम " 
 






आदित्य शर्मा

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