Sunday 8 April 2012

हमारी मात्रभूमि शूरवीरो की है , अपने को पहचानो .....

 























लुटता  हुआ वतन देख कर जो खोला नहीं ,
सोचो ऐसे खून की रवानी किस कम की
कर्ज इस माटी का चुकाए बिन ढल जाये जो,

 बताओ दोस्तों वो जवानी किस काम की
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ये हिंदुस्तान के है, पर वफा कुछ और रखते है;
पाकिस्तान में ओसामा मरता है ,
तो दिल्ली में शोक ये करते है ;
इन्हें सलीका अब तक मुल्क में रहने का न आया;
मगर दिल्ली में सदा लाहोर रखते है ।
ऐ दिल्ली वालो चेतावनी हमारी,अब सुन लो ;
मरना है जहा जाकर अपनी एक जगह चुन लो :
इस देश की बर्बादी का तुम एक मात्र कारण हो;
जन गयी है जनता अब तुम ही तुम ही कलयुगी रावण हो 

आदित्य शर्मा 
  
 

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