देश वासियों याद करो तुम उन महान
बलिदानों को।
देश के खातिर जान लुटाई, देश की उन संतानों को। जिनके कारण तान कर छाती खड़ा यह पर्वतराज है। जिनके चलते सबके सर पर आज़ादी का ताज है। महाकाल भी काँपा जिनसे मौत के उन परवानों को। देश वासियों याद करो... देख कर टोली देव भी बोले देखो-देखो वीर चले। गर पर्वत भी आया आगे, पर्वत को वो चीर चले। जिनसे दुश्मन डर कर भागे ऐसे वीर जवानों को। देश वासियों याद करो... जिनने मौत का गीत बजाया अपनी साँसों की तानों पर। पानी फेरा सदा जिन्होंने दुश्मन के अरमानों पर। मेहनत से जिनने महल बनाया उजड़े हुए वीरानों को। देश वासियों याद करो... हँस-हँस कर के झेली गोली जिनने अपने सीनों पर। अंत समय में सो गए जो रख कर माथा संगीनों पर। शत-शत नमन कर रहा है मन मेरा ऐसे दीवानों को। देश वासियो याद करो...
आदित्य.................
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