Saturday, 15 September 2012
वोटो की खातिर कोई कहीं नही बोला .......
वन्दे मातरम ............
इस ज़माने में देखे है यूँ तो आशिक कई ..........
पर वतन से खुबसूरत कोई सनम नही होता ।
सोने में लिपटकर मरते देखे है शासक हमने
पर तिरंगे से प्यारा...... कोई कफ़न नहीं होता ।।
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