ख्वाबो में हो चाहे ,मुलाकात तो होगी .............................
ये प्यार में डूबी हुई रंगीन फज़ाए
ये चहरे, ये नजरे ,ये जवाँ ऋतू,ये हवाए
हम जाये कही इनकी महक साथ तो होगी
ख्वाबो में हो चाहे ,मुलाकात तो होगी ............................
फूलो की तरह दिल में बसाये हुए रखना
यादो के चरागों को जलाये हुए रखना
लम्बा है सफ़र इसमें कही रात तो होगी
बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी
ख्वाबो में हो चाहे ,मुलाकात तो होगी ............................
ये साथ गुजारे हुए लम्हात की दोलत
जज्बात की दोलत, ये ख्यालात की दोलत
कुछ पास न ,पास ये सोगात तो होगी
बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी
ख्वाबो में हो चाहे ,मुलाकात तो होगी ............................
आदित्य शर्मा
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