हर वक़्त मुस्कराने की आदत नहीं रही,
यह सोच के की कोई मानाने नहीं आएगा,
अब हमें रूठ जाने की आदत भी नहीं रही .
जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए ,इस दिल ने धडकना छोड़ दिया
चाँद भी है उतरा-उतरा, तारो ने चमकना छोड़ दिया ------------
वो पास हमारे रहते थे ,बे रुत बहार आ जाती थी
अब लाख बहारें आयें तो क्या,फूलों ने महकना छोड़ दिया
चाँद भी है उतरा-उतरा, तारो ने चमकना छोड़ दिया ------------
हमराह कोई साथी भी नहीं, अब याद कोई बाकी भी नहीं
लाख फूल खिलें जख्मों के तो क्या, आँखों ने बरसना छोड़ दिया
जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए ,इस दिल ने धडकना छोड़ दिया
चाँद भी है उतरा-उतरा, तारो ने चमकना छोड़ दिया ------------
हम ने ये दुआ जब भी मांगी, तकदीर बदल दे ऐ मालिक
आई है आवाज़ के हमने, तकदीर बदलना छोड़ दिया
जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए ,इस दिल ने धडकना छोड़ दिया
चाँद भी है उतरा-उतरा, तारो ने चमकना छोड़ दिया ------------
आदित्य शर्मा
THANKS
ReplyDelete